चीन (China) ने 4 फरवरी से अपने देश में शुरू हो रहे विंटर ओलंपिक (Winter Olympics) खेलों के चीनी सेना के एक सैनिक को मशाल वाहक बनाया है। चीन का यह सैनिक गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में घायल हुआ था। यह जानकारी खुद चीन के सरकारी समाचर-पत्र द ग्लोबल टाइम्स ने दी है। खास बात यह है कि चीन गलवान घाटी में अपने किसी सैनिक के मौत या घायल होने की बात हमेशा नकारता रहा है। हालांकि वक्त बीतने के साथ धीरे-धीरे खुद ही ऐसे सबूत सामने आते जा रहे हैं, जो बताते हैं कि भारतीय सैनिकों के साथ गलवान में हुई झड़प के दौरान चीन को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। विटंर ओलंपिक खेलों का आयोजन इस बार चीन में हो रहा है, जो 4 फरवरी से शुरू होकर 20 फरवरी तक चलेगा। द ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि विंटर ओलंपिक के लिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी के रेजिमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ को मशाल वाहक बनाया है। अखबार ने आगे फैबाओ का परिचय देता हुए कहा कि उन्हें गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में बुरी तरह सिर में चोट लगी थी, जिसके चलते उन्हें कई महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था। बता दें कि विभिन्न रिपोर्टों के जरिए यह दावा किया गया है कि गलवान के हिंसक झड़प में चीन के 40 सैनिकों की मौत हुई थी। रूस की एक सरकारी मीडिया एजेंसी ने भी अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। हालांकि चीन ने कभी भी इसे स्वीकार नहीं किया है। यह भी पढ़ें- SBI, PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा ने बदल दिए ये 3 नियम, सीधे आपकी जेब पर डालेंगे असर कई देशों ने किया राजनयिक बहिष्कार बीजिंग में विटंर ओलंपिक खेलों के ठीक बाद 4-13 मार्च तक पैरालंपिक विंटर गेम्स (Paralympics Winter Games) का आयोजन भी होना। हालांकि इन दोनों खेलों का अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देशों ने राजनयिक बहिष्कार किया है। इन देशों ने चीन पर शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इन खेलों का बहिष्कार किया है। इन देशों का कहना है चीन ने शिनजियांग में बनाए शिविरों में एक लाख से अधिक उइगर मुसलमानों को कैद करके रखा है। राजनयिक बहिष्कार का मतलब यह है कि ये देश खेलों के लिए अपने खिलाड़ियों को तो चीन में भेज रहे हैं, लेकिन उनके साथ किसी राजनयिक को नहीं भेजा जाएगा। दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर जारी है तनाव भारत और चीन के बीच लद्दाख सहित कई इलाकों में बॉर्डर विवाद को लेकर तनाव जारी है। दोनों पक्षों के बीच अब तक 14 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। हालांकि दोनों देशों ने आपस में मसला सुलझाने की बात कही है और किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध किया है।
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