BharatPe : फिनटेक कंपनी भारतपे “फ्रॉड” में लिप्त होने के कारण कंपनी की हेड ऑफ कंट्रोल माधुरी जैन (Madhuri Jain) से इक्विटी वापस लेने की तैयारी कर रही है। लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। एक अन्य सूत्र ने बताया कि इनवेस्टिगेटर्स और वकीलों ने जैन से लगभग छह घंटे तक पूछताछ की। फाइनेंशियल फ्रॉड में जैन की भूमिका लगभग तय पहले सूत्र ने कहा, “ऐसा लगता है कि इनवेस्टिगेटर्स कथित फाइनेंशियल फ्रॉड में उनकी भूमिका के संबंध में एक नतीजे पर पहुंच गए हैं। इसलिए, आर्टिकिल्स ऑफ एसोसिएशन (articles of association) के प्रावधानों के तहत उनसे इक्विटी वापस ली जा रही है।” जैन और भारतपे की तरफ से अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। Shark Tank India: अमन गुप्ता और अशनीर ग्रोवर हैं सबसे अमीर जज, जानिए बाकी शार्क के पास है कितनी संपत्ति? इससे पहले अलवारेज ऐंड मार्सल ने अपनी जांच में प्रथमदृष्ट्या फ्रॉड के मामले पाए थे। उनकी रिपोर्ट में तीन साल पुरानी फिनटेक फर्म में फ्रॉड के दो मामलों का उल्लेख किया गया था। एक भर्ती में अनियमितताओं का था और दूसरा ऐसे वेंडर्स को भुगतान से जुड़ा था, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं था। इन दोनों फ्रॉड में जैन शामिल रहीं। वह 2018 से भारतपे (BharatPe) के प्रोक्योरमेंट, एडमिन और एचआर डिपार्टमेंट की हेड थीं। फाउंडिंग पार्टनर की इक्विटी खरीद सकती है कंपनी अगर बोर्ड अपने एक फाउंडिंग पार्टनर को हटाना चाहता है तो पीडब्ल्यूसी (PwC) के निष्कर्ष काफी अहम हैं। कंपनी के नियमों के तहत फाउंडिंग पार्टनर को हटाने के लिए चार बड़ी अकाउंटिंग फर्म में से एक की रिपोर्ट जरूरी है। Income Tax : इस देश में नहीं देना पड़ता इनकम टैक्स, कहा जाता है टैक्स हैवन, जानिए डिटेल नियमों में एक फाउंडिंग मेंबर या एक कर्मचारी को किसी वजह से हटाने का प्रोविजन है और कंपनी उचित मार्केट वैल्यू पर उसकी इक्विटी खरीद सकती है। जल्द आधिकारिक बयान जारी करेगी कंपनी एक सूत्र ने कहा, “उनके (जैन) के स्टॉक वापस लिए जा सकते हैं, क्योंकि उन्होंने किसी ‘वजह’ से हटाया जा रहा है। कंपनी इस सप्ताह की शुरुआत में माधुरी को इसकी सूचना दे सकती है और इस पर जल्द ही एक आधिकारिक बयान जारी हो सकता है।” उन्होंने बताया, माधुरी, दीपक गुप्ता और श्वेतांग पर पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट जमा हो गई है, हालांकि अशनील पर जांच अभी जारी है। गुप्ता जैन के ब्रदर-इन-लॉ हैं और वह और वह भारत पे में प्रोक्योरमेंट के लिए जिम्मेदार थे। वहीं श्वेतांक, जैन के भाई हैं।
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