Wednesday, January 26, 2022

कोयला मंत्रालय के अधीन सरकारी कंपनियों के कैपेक्स में हुई 28.33% की ग्रोथ

सरकार ने बुधवार को कहा कि कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) के केंद्रीय सार्वजिनक क्षेत्र के उद्यमों (Central Public Sector Enterprises (CPSEs) का दिसंबर, 2021 को समाप्त अवधि के लिए पूंजीगत व्यय (capex) सालाना आधार पर 28.33 प्रतिशत बढ़कर 12,605.75 करोड़ रुपये हो गया है। कोयला मंत्रालय का अपने CPSEs के जरिये दिसंबर, 2020 तक की अवधि के लिए पूंजीगत व्यय 9,822.28 करोड़ रुपये रहा था। कोयला मंत्रालय ने एक बयाना में कहा, "दिसंबर, 2020 तक की अवधि के लिए पिछले साल की 9,822.28 करोड़ रुपये की तुलना में, कोयला मंत्रालय के सीपीएसई (CPSEs) ने 12,605.75 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया है, जिससे COVID-प्रभावित अर्थव्यवस्था को एक बड़ा प्रोत्साहन मिला है।" यह पूंजीगत व्यय कोयला मंत्रालय के वार्षिक लक्ष्य का 75 प्रतिशत है ऐसा बयान में आगे कहा गया है। कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Ltd (CIL) कोयला मंत्रालय के तहत आने वाले सरकारी एंटरप्राइजेस में से एक है। सीआईएल ने पहले कहा था कि 2021-22 की पहली तिमाही में उसका पूंजीगत व्यय दो गुना से अधिक बढ़कर 1,840 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले की तिमाही में यह 844 करोड़ रुपये था। टाटा ग्रुप को कल सौंप दी जायेगी एयर इंडिया, पहले से ही ग्रुप के पास हैं दो एयलाइंस कोल इंडिया ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में पूंजीगत व्यय दो गुना बढ़ गया क्योंकि हमने इवैकुएशन इंफ्रास्ट्रक्चर (evacuation infrastructure), भूमि अधिग्रहण और भारी उपकरणों की खरीदारी में निवेश को जारी रखा है। सीआईएल ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के लिए निर्धारित 1,960 करोड़ रुपये के प्रगतिशील लक्ष्य का 94 प्रतिशत हासिल कर लिया है। रेल साइडिंग और कॉरिडोर, कोल हैंडलिंग प्लांट, (CHP), साइलो और हॉल रोड की स्थापना जैसे इवैकुएशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के इरादे की वजह से इस पर सीआईएल का कैपेक्स बढ़कर 504 करोड़ रुपये हो गया है, जो सभी कैपेक्स हेड्स में दूसरा सबसे बड़ा खर्च है।      

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